निजी पुस्तकालय: एक सुरक्षा दीवार
मैं मानता हूँ कि एक निजी पुस्तकालय एक प्रकार की सुरक्षा दीवार होती है जो अज्ञान, कपट, धोखे जैसे शत्रुओं से हमारी रक्षा करती है. मैंने आज अपनी सुरक्षा दीवार में सात नई ईंटें जोड़ीं "जैन धर्म-दर्शन एवं संस्कृति" के सात खंडों से. आज ही पहला खंड शुरू किया है. लेखक डॉक्टर सागरमल जैन की संक्षिप्त जीवनी पढ़ी. बड़ी प्रेरणादायक थी. साथ ही, जैन धर्म का मौलिक इतिहास और मूलभूत सिद्धांत भी जाने.

मैंने अभी तक लगभग डेढ़ सौ किताबें धर्म एवं दर्शनशास्त्र पर पढ़ीं हैं. हिंदू, बौद्ध, सिख, यहूदी, इस्लाम, और ईसाई धर्मों के मूल तत्वों और मूल्यों से परिचित हुआ हूँ. जैन धर्म शेष बचता था, तो सोचा उसका भी थोड़ा अध्ययन कर लूँ.

मैं चाहूँगा आप सब भी अपने-अपने घर में पुस्तकालय बनाएँ. किताबें पढ़ना हमारी जीवनशैली का हिस्सा होना चाहिए. हम जितना पढ़ेंगे, उतना आत्मबल और विश्वास से भरेंगे. फिर कोई नेता, अभिनेता, मीडिया, खिलाड़ी, पाखंडी बाबा हमारा शोषण नहीं कर पाएँगे.